Khud Se Baatein !!


जैसे सासें आती जाती है….
वैसे तुम भी ख़यालों में आते जाते रहते हो।।

जैसे खूशबू हर बार अपनी ओर खींचती है….
वैसे मुस्कराहट तुम्हारी तरफ खींचती है।।

जैसे बादल हर बार कुछ नया सा दिखता है….
वैसे  तुम्हारा प्यार हर बार कुछ नया होता है।।

जैसे प्यार भी है और प्यार ना करने की जिद….
वैसे ही यादों को दिल में रखने की जिद हमारी है।।

जिंदगी ना जाने कितनी है !!
ये सोच के बिताने से अच्छा है….
कुछ इज़हार करके बता दें !!

यू तो बहुत कुछ कहना है…
पर आज सिर्फ तुम्हें सुनना है !!

जानते हैं तुम खामोशी को समझते हो ….
पर प्यार तुमसे प्यार की बातें सुनना चाहता है !!

क्या कहें ….आज कुछ कहना नहीं है….
सिर्फ तुम्हें सुनना है !!

इस तलाश में बैठे हैं …के अब ये इंतजार खत्म हो…
तुम मेरे पास ….मुझमे कहीं  गुम हो …
तुम मेरी बाहों में… सिर्फ मेरे हो !!!!
हमारी दुनिया में हम हो !!

आज कुछ मांगना नहीं हमसे….बस कुछ कह देना…
सम्भाल के रखने का वादा है…
जिस तरह तुम्हारी यादों को दिल में रखा है !!

ख्वाब टुटे ही सही …ख्वाब अपने है ….
जैसे यादें अपनी है …और जज़बात अपने हैं !!
दिल टूटा ही सही …दर्द तो अपना है …
कोई शिकायत नहीं ….

ना जाने जिंदगी कितनी है
खुद से बातें जरूरी है !!

…Phir se !!


यादों को पीछे छोड़ …फिर से यादो को बनाना….
आसान नही।।

आसान नही कुछ भी भूल पाना …
पर हम भूल के आगे बढ़ते है !!

जानते है आसान नही …
पर फिर भी भूलने की कोशिश…हर बार करते है ।

ज़िन्दगी तेरा सच यही है…जानते है…
तू आसान नही !!

जब तक है बस यही है …
वरना याद है …और हम कुछ भी नही।।

कुछ नहीं तो भी क्या …थोड़ा ही सही …
किसी के दिल को छू लो …
किसी के आंसू पोछ दो…
किसी को बस सुन लो …

थोड़ा ही सही…

किसी की बातों को बस यूही मान लो…
कभी नाराज़ हो तो कभी मना लो।।

पता नही…

कब तक है…और ये साँसे कब तक …
जब तक है थोड़ा ही सही …
साथ दे दो और ज़िन्दगी निभा लो !!

जब रहेंगे नही… याद साथ देगी !!

जब तक है …थोड़ा साथ निभा लो …
न जाने ये भूलने की कोशिश में …हम याद में कब कैद हो गये ???
अपनी खामोशी में न जाने कितने लम्हे यूही गवा गये ।।

चलो चलते है फिर से यादो को बनाते है….
यादों को पीछे छोड़ …नई यादें को पंख देते है …

……फिर से कहानी बनाते है !!

Shart Nahi Hai !!


जो करो मंज़ूर है….जो भी कहो मंज़ूर है…
दिल दिया था तो शर्त नहीं थी …आज भी कोई शर्त नहीं है !!


पाने की ज़िद कभी थी नहीं…तो खोने का गम कैसा ?
तुम्हे अपना कहते रहे…और इस दिल से कुछ कहा नही !!

खोना क्या और पाना क्या….तेरे साथ हम बस ऐसे ही रहते है…
तुम खुश रहो …ऐसा बस दुआओं में कहते है !!

चाहत ऐसी कभी ज्यादा की थी नहीं…
बस तेरे दिल में रह लेते है !

क्या कहना है…उन सन्नाटो से ??
कुछ भी कहने की अब ज़रूरत नहीं !!

आते जाते ज़िन्दगी बहुत कुछ सीखा रही है…
तुम्हे हर बार प्यार के रंगों से मिला रही है !!

तुम्हे कबूल हो के नही ?
तेरे सपनों से हम गुज़रा करते है…
तेरे पास हर बार कुछ नयी सी हम दिखते है !!

अच्छी लगती है ये ज़िन्दगी !!
कहानी नई – नई हर रोज़ कहती है ये ज़िन्दगी …

ज़िन्दगी तुम जो भी कहो मंज़ूर है !!
बस एक गुजारिश है…


कोई शर्त नहीं है …चलो ना…आज मे ही रह लेते है !!


Bandhan – Apni Jaan hai !!


वो प्यार…वो शरारते…वो बचपन…वो लड़कपन…
बस यादें ही तो है !!

एक भरोसा …साथ है हम …
एक ऐसा प्यार …हर बार साथ देंगे हम !!

कभी चुपके से छुप जाना…और ढूंढे जाने का इंतज़ार करना …
कभी बस रोकर बात मना लेना…बचपन कितना खूबसूरत था !!

कुछ ऐसा ही है बहन और भाई का प्यार …
!!

ये रिश्तों को मजबूत करता रहा है…
ये भरोसा ही तो है, जो हमें जोड़े रखा है !!

क्या हुआ कभी जो रूठ गए…
ये भरोसा तो है दिल में हमेशा रेहेगे हम !!

वक़्त बचपन से जवानी तक…और अब उम्र के दूसरे छोर पर…
कितना कुछ बदला है …पर भरोसा …वैसे ही हम सब में बसता है !!


हम सब ज़िन्दगी की भाग दौड़ में न जाने कितने थकने लगे है…
पर जब बात इस बंधन की होती है …तो खूबसूरत और अपनी सी लगती है!!

ठहराव अच्छा लगता है …उस वक़्त में रहना अच्छा लगता है…
फिर से उस वक़्त को याद करना…और जीना अच्छा लगता है ।।

ज़िन्दगी रहे या नहीं …पर साथ रहेंगे…ये भरोसा रखते है हम।।
वादा करते है हम !!

रिश्ता कभी प्यार …तो कभी गुस्से का…
ख़ामोशी की बाते दिल में रहे …भरोसा रिश्ते पे रहे…!!

अनमोल है और खूबसरत भी…कहे क्या …
बस अपने पास रखने का सुकून काफी है इस दिल को…

ये भरोसा के कुछ भी .. कही भी हो…
हमारा साथ हमेशा साथ रहेंगा…
कहने को कुछ कहते नहीं है…
पर प्यार दिल में हमेशा से है और रहेगा !!

उस वक़्त और इस वक़्त में कुछ नहीं बदला…भरोसा है, रिश्ता कायम है !!

भाई और बहन का रिश्ता तो इश्वर ने बनाया है…और खूबसूरत प्यार ने ।।
डोर तो अपनी जान है …!!

मुश्कुराते चेहरे बहुत कुछ कहते है…प्यार और आशिर्वाद दिल सें देते है!!
सलामत रहे ये रिश्ता हमारा…भरोसा बस अपने प्यार पे करते है…!!

इसे प्यार का बंधन शायद इसीलिए कहते है … 
जो है उसे भरोसा कहते है !!

प्यार से – राखी की शुभ कामनाएं !

…Yuhi Reh lete hai !!


वो ज़िक्र ही क्या जिसमे तुम न हो…
वो फ़िक्र क्या जिसमे तुम्हारी फिक्र न हो ।।

वो प्यार क्या जिसमे तुम न हो …
वो बात क्या जिसमे तुम्हारी बात न हो।।

ये पूछे के …ऐसा क्या है जिसमे तुम नहीं हो…
और ये शर्त हम मान ले के तुम नहीं हो।।

खामोश रहते है मगर आवाज़ दिल की हमेशा तुमसे ही जा मिलती है…
क्या कहे हम …बस जिक्र तुम्हारा ही हमेशा दिल से करती है।।

आवाज़ जब सुन लेते है कभी किसी हवा की …
तो ऐसा लगता है जैसे …चुपके से किसी ने कुछ कहा हो !!

कुछ कहते हुए हवा रुक जब जाती है …
तो लगता है मेरी आवाज सुनने को इंतज़ार कर रही हो !!

फूल की खुशबू …बारिश का पानी…बाँसुरी की आवाज़…गाने के शब्द …
जब मिलते है मुझसे ऐसा लगता है जैसे साथ चलते है !!

आरज़ू है बस अब इतनी सी कुछ साथ हम युहि रह लेते है !!

खवाइश के बंधन अब बोझ लगने लगे है …
चलो अंधरे में गुम हो लेते है …
कहीं मुझमे ही सिमट के रह जाते है … चलो युहि रह लेते है ।।

कुछ सच के साथ अपने हो लेते है …
ज़िक्र करते रहे जब… फिक्र थोड़ी सी अपनी होने देते है ।।


Waqt !!


बड़ा शोर करता है ये रात आजकल…
दिन में आजकल वक़्त थोड़ा मिलता है !!

न जाने कौन – कौन सी यादों में सिमटा रहता है…
पर जब भी मिलता है –
किसी न किसी वक़्त से मिला देता है।।

शोर में खुद को आज़ाद रखना आसान होता है…
ख़ामोशी में खुद को समेटना मुश्किल !!

ख़ामोशी तो सच बयान कर जाती है…
हर बार वो खुद से मिला जाती है !!

यादों की शोर में वक़्त रूठा सा मिलता है…
अपनी ही फितुर में खोया सा रहता है !!

आँसू नमकीन है …
पर दिल हर बार मीठा कुछ माँगता है !!
दिल उदास रहता है…
हर वक़्त ख़ुशी की तलाश करता है !!

वक़्त का ऐसा है
के हर बार नयी पहेली सुलझाने के लिए हमें मजबूर करता है ।।

वक़्त को रोक भी लेते है…
थोड़ा मुस्कुरा भी लेते है…
थोड़ा गुनगुना भी लेते है …
थोड़ा नाराज़गी भी जताते है !!

पर ये वक़्त ही है जो –
हर वक़्त कुछ कहते हुए …
सुनते हुए …कुछ युहि साथ गुज़र जाता है!!

रात वक़्त को समझाने लगता है…
खामोशी मे खुद को पाने लगता है !!

Shikayat !!


शिकायत!!

खुद से …खुदा से…वक़्त से…हालात से…
अपनी बेचैनी से …अपनी उम्मीद से…
न जाने कब किससे…क्यों ये शिकायत ??

बस ये शिकायत है !!


क्यों ये कहते हुए ख़ामोशी से शिकायत…
क्यों ये रहते हुए ज़िन्दगी से शिकायत…
क्यों ये बहते हुए आँसू से शिकायत…
क्यों ये जाते हुए प्यार से शिकायत…
क्यों ये आते हुए गुस्से से शिकायत…
क्यों ये छोटी -छोटी मुश्किलों से शिकायत…
क्यों ये दूर रहते रिश्तों से शिकायत…

क्यों है ये शिकायत ?

बस खुद से कह दे …के कुछ नहीं पाने की है चाहत…
कुछ खोने का गम नहीं… कोई पास हो उसकी आरज़ू नहीं …
बस खुद से उम्मीद है…शिकायत भी खुद से…
ज़िन्दगी साँसों से बंधी रहे …ज़िन्दगी बस यूँहि बीत जाए !!

कहना क्या और सुनना क्या…
बस आँसू आँखों से कुछ कह दे…
दिल थोड़ा सा मुस्कुरा दे…
दूर जो है वह पास आकर कुछ सुना दे…
आरज़ू बस दिल के कोने में … सूकून से सपने में खो जाए !!

कहते है – जब बात खुद की हो तो शिकायत भी अपनी सी लगती है…
कुछ कहती नहीं है…बस खुद में सिमट के रह जाती है !!

जब तक शिकायत है … प्यार भी है और नफरत भी !!
ज़िन्दगी भी है … और उम्मीद भी !!

शिकायत है इसलिए…

आपको ज़िन्दगी मुबारक !!

Zid Kuch Aisi Hai !!


कहना क्या है !!

तेरी मेरी कहानी एक ज़िद पे टिकी है …

कभी कही भी नहीं और समझ भी गए…
ये ज़िद कुछ ऐसी है !!

Jab Chand ko dekh rahe the!!


जब चाँद को देख रहे थे…
तो लगा जैसे खुद को देख रहे थे।।

अँधेरे में चमक इतनी खूबसूरत थी…
के लगा खुद को आईने में देख रहे थे !

थोड़ी तो दाग दिखी चाँद में …
लगा जैसे तजुर्बा बयान कर रही थी…
न जाने कितने दर्द लिए मुश्कुरा रही थी !

कहीं हमारी तरह ही खुद को दर्द में लपेटकर…
अपने सिर्फ उजाले दिखा रही थी !

काले बादल में सितारों के साथ…खूब बातें कर रही थी…
सितारों को देख …हमें भी दोस्तों की याद आ रही थी !

चमकते सितारों की तरह, हमारी ऑंखे चमक रही थी…
यादें बुन रही थी और बातें गुनगुना रही थी !

चाँद को देख समझ आयी एक बात –
चाँद की खूबसूरती आँखों से नहीं…दिल से दिखती है…
और इंसान की खूबसूरती दिल से होती है ।।

चाँद से बातें तो रोज़ होती हैं –
इज़हार चाँद से ..चाँद के साथ ..प्यार और तकरार की बात…
इंतज़ार की बात …करीब आने की बात …दूर जाने की बात…
कुछ है कुछ और पाने की बात … ख़ुशी और गम की बात…
मेरी और तुम्हारी बात …
कितना कुछ है उस चाँद के साथ …..!!

वक़्त के साथ सब कुछ बदल रहा है …
ये सोच के दिल बस ….तेरे साथ हर लम्हा गुज़ार रहा है…
ईद का चाँद हो या करवा चौथ का …बस चाँद का इंतज़ार हमेशा दिल से होता है।।

इसलिए शायद… हम चाँद के करीब है…
इंतज़ार भी करते है , और रात की खामोशी में सुकून से, साथ रहते है…
चाँद की तरह बस दूसरो को खुश देखकर खुश होते है ।।

जब चाँद ढलने लगता है तो बहुत कुछ कहता है –
अपने को ऐसा बना के रखना…के आपको लोग हमेशा देखना चाहे…
इंतज़ार ही सही, पर आपको देखने के लिए हमेशा वक़्त का इंतज़ार करे !!

पूरा या आधा चाँद …आकाश की खूबसूरती चाँद से होती है…
रात में सही …कभी आँखे बंद में…कभी खुली में …
चाँद हमारे साथ …हमारे पास होता है।।

जब चाँद को देख रहे थे…
तो लगा खुद को देख रहे थे !
!

Intezaar!!


यूॅं मिलते भी रहे और सवाल करते भी रहे…
ज़िन्दगी में कई बार खुद को सवाल में घेरते भी रहे!

न जाने क्यों …पर हर बार खुद को यूॅंहि परेशान करते रहे…
रिश्ते कभी साथ रहे… या फिर दूर जाने के बहाने ढूँढ़ते रहे…
फिर भी न जाने क्यों हम इंतज़ार करते रहे!!

कभी आँखे बहुत कुछ छुपाती रही…
और ख़ामोशी की हर बात दिल मे चुभती रही!!

ख़ामोशी से बातें तो होती रही… समझते और समझाते भी रहे…
ख़ामोश होना आसान नहीं… तूफान को रोकना भी आसान नहीं!!

उम्मीद है!!

मौसम फिर बदलेंगे… फिर बारिश भी होगी…
फिर पतझड़ भी होंगे… और आँसू कुछ वक़्त बाद सूख भी जायेंगे!!

मुलाकात तो होती रहेगी… ज़िन्दगी सवाल करती रहेगी…
नए सपने फिर से बुनने लगेंगे… नए सवाल फिर से होगी!!

तजुर्बा कुछ ऐसा होगा… के सवाल के जवाब मिलने लगेंगे…
कुछ शिकायत जो दिल से थी… वो गुम होने लगेंगे…
सतरंगी सपने सवालो को धुॅंधले करते रहेंगे…
और बस मंज़िल पास आने लगेगी!!


मुसाफ़िर की तरह ज़िन्दगी कोई और ठिकाना ढूंढ़ने लगेगी।।

सफर के हमसफ़र बदलते रहेंगे…
कुछ लोग जुड़ेगे और कुछ बिछड़ जायेंगे…
पर आँखे फिर भी नम होगी… तेरा इंतज़ार करेगी!!

तेरा मेरा साथ होगा या नही ये तो नहीं जानते…
पर तेरे साथ हम ज़रूर होंगे!!

वक़्त को बदल तो नहीं सकते…
पर हर वक़्त में तेरे साथ हम होंगे!!

सवाल के जवाब मिलेंगे या नहीं… क्या पता?
शायद… कुछ सवाल के जवाब नहीं होते!!

तुमको इंतज़ार हो के नहीं…
हमें तुम्हारा इंतज़ार हमेशा रहेगा !!