जो करो मंज़ूर है….जो भी कहो मंज़ूर है…
दिल दिया था तो शर्त नहीं थी …आज भी कोई शर्त नहीं है !!
पाने की ज़िद कभी थी नहीं…तो खोने का गम कैसा ?
तुम्हे अपना कहते रहे…और इस दिल से कुछ कहा नही !!
खोना क्या और पाना क्या….तेरे साथ हम बस ऐसे ही रहते है…
तुम खुश रहो …ऐसा बस दुआओं में कहते है !!
चाहत ऐसी कभी ज्यादा की थी नहीं…
बस तेरे दिल में रह लेते है !
क्या कहना है…उन सन्नाटो से ??
कुछ भी कहने की अब ज़रूरत नहीं !!
आते जाते ज़िन्दगी बहुत कुछ सीखा रही है…
तुम्हे हर बार प्यार के रंगों से मिला रही है !!
तुम्हे कबूल हो के नही ?
तेरे सपनों से हम गुज़रा करते है…
तेरे पास हर बार कुछ नयी सी हम दिखते है !!
अच्छी लगती है ये ज़िन्दगी !!
कहानी नई – नई हर रोज़ कहती है ये ज़िन्दगी …
ज़िन्दगी तुम जो भी कहो मंज़ूर है !!
बस एक गुजारिश है…
कोई शर्त नहीं है …चलो ना…आज मे ही रह लेते है !!
Beautiful heart touching words. keep writing. Always love to read your writeups & poems.
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Thank You Tripty ..Keep liking :)
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