Dosti mubarak


एक मुस्कराहट… बहुत सारी हँसी… हमारी खिलखिलाहट और अपनापन…
इतनी सारी बातें… इतनी सारी शरारतें… कभी यादों में गुम… तो कभी, अभी की बातें।।

मिलना रोज़ है और फिर भी बातें अधूरी रह जाती है… शायद इसलिए, के कल फिर मिलना है।।
कभी बिना कुछ कहे ही समझ जाती है और कभी बातें करते-करते थक जाती है।।

ऐसी होती है दोस्ती!!

फिर वक़्त तेज़ी से भागने लगता है, और हम कहीं, ज़िन्दगी की दौड़ में गुम हो जाते है…
पर प्यार… अपनापन… मुस्कराहट… हँसी… खिलखिलाहट…
दिल में कहीं दोस्ती छुप के इंतजार करती है !!

कभी तो मिलेंगे… कभी तो फिर से – एक मुस्कराहट… बहुत सारी हँसी… हमारी खिलखिलाहट… साथ मिलकर एक दूसरे से बातें करेंगी।।

वो वक़्त बहुत ही ख़ास होगा जब हम साथ बैठेंगे और फिर से शरारत करेंगे…
फिर दोस्ती दोस्त से, बातें करेगी !!

दोस्ती एक ऐसी ख़ुशी है, जो हम सब को एक अनमोल रिश्ते में बांधती है।। 
एक ऐसी आस… जो हर बार जीने को मजबूर करती है।।

कुछ दोस्त बहुत खास होते है… क्योंकि वो हमेशा आपकी ज़िंदगी के साथ चलते है…
कुछ यादों की तरह… कुछ साये की तरह… भरोसे और प्यार की तरह…

दोस्ती की कोई उम्र नहीं होती… पर हर उम्र में बस अपनी जैसी होती है।। 
जैसे चाहो वैसे जी लो… दोस्ती हमेशा जानी पहचानी सी लगती है।।

एक खजाना नहीं… पर वक़्त और पल की तरह हमेशा यादों में रहती है… साथ चलती है…
और ज़िन्दगी को खूबसूरत बनाती है।।

दोस्ती है तो हर पल एक नयी उम्मीद है… हौसला है… खिलखिलाहट है और बस ख़ुशी है।।

आपकोदोस्ती मुबारक!

Zindagi


ज़िन्दगी यू सवाल करती रही,
मैं जवाब तलाशती रही…

पता ही न चला…
कब पूरी ज़िन्दगी मुझमें खत्म हो गयी!!

Aisa hoga nahi


तुम हमें भूल जाओ… ऐसा कभी होगा नहीं…
यादों में सही… ज़िन्दगी भर साथ निभाने का वादा है!!

 तुम हमें भूलने की कोशिश तो करो,
और याद में न रहे… ऐसा होगा तो नहीं!!

Ehsaas


उस एहसास को, फिर से जीने को मन करता है,
वो पल में, फिर से रहने को मन करता है!!

वो साँसों में तेरी खुशबू के, आने और जाने में…
रहने का मन करता है…

तन्हाई को दूर छोड़कर…
फिर से ज़िन्दगी को जीने का मन करता है!!

Zindagi hai toh sab kuch hai


कुछ कही सुनी बातें,
कुछ बोली भी नहीं और समझ गयी बातें…
कुछ बस सोच ही रहे थे और हो गयी बातें…
कुछ कह रहे थे और किसी ने कह दी बातें।।

बस यूं ही –
कुछ बातें, कुछ मुलाकातें, कुछ ज़िन्दगी, कुछ ख़्वाब,
कुछ सच, कुछ कल्पना में…

हम सब खुद को ढूढ़ते रहते है।।
सोचते रहते है… कुछ पाने की कोशिश करते रहते है।।

तलाश खुद की हमेशा रहती है…
सवालों के जवाब हमेशा ढूढ़ती रहती है।।
शोर में ख़ामोशी और ख़ामोशी में खुद को,
आवाज़ देती रहती है।।

शहर खूबसूरत है… हम भी है, तुम भी हो, 
ख्वाइशें भी है!!

बस ज़िन्दगी है तो सब कुछ है…
ज़िन्दगी है तो सब कुछ है।।

Tere saath


मैं तेरे साथ हूँ… जहाँ भी तू है,
आँखें नम ही सही… तू मुझमें ही है।।

कहने को बहुत कुछ है… पर शब्द नहीं है…
ये एक एहसास है… सुना है तुमसे ही है।।