Rango se Mulakat !!


यू तो रंगों से हर रोज़ मिलते है…

ये रंग बढ़े ख़ास है –

ये बागों के फूल है… और कभी पतझड़ के सुखें पते है…
ये बारिश का पानी है… और कभी  उदासी के आँसू है…
ये ख़ुशी से खिलखिलाती हंसी है… तो कभी बस कुछ यादें है…
ये अपनों की तरह अभिमान का रंग है …तो कभी खामोशी है …
ये प्यार की तरह विश्वास का रंग है …तो कभी दोस्ती की लड़कपन है…
ये सूरज की किरने है …तो कभी चाँद की चाँदनी है …
इन रंगों के बिना ज़िन्दगी कुछ फ़ीकी सी लगती है !!

रंगों को मिलाकर एक रंग बनता है…
वैसे ही कई गुण मिलकर एक खूबसूरत इंसान बनता है !!

सतरंगी सपने जैसे …ज़िन्दगी के भी कई रंग होते है …
जब भी मिलते हैं… एक नयी उम्मीद से मिला जातें है …
हर बार अपने को खूबसूरत रखने की सलाह दे जाते हैं !!


ये एहसास के रंगों की भी अपनी पहचान होती है…
कुछ कहती है कुछ सुनती है …कुछ बस ऐसे ही छेड़ जाती है…
न जाने हमसे कौन – कौन सी बाते करती है और किस्से सुनाती है !!

रंगों की बोली तो एक ही है… बस हर रंग कुछ ख़ास होती है !!


हमारी ही तरह हर बार कुछ नयी सी दिखती है…
पर जब सब रंगों से मिलती है …कुछ अलग से निखरती है…
अपनी सारी खूबसूरती हर रंग में उड़ेल देती है…
हर रिश्ते में अपनी एक पहचान छोड़ देती है !!

हर बार हमसे ये कहती है –

ज़िन्दगी को रंगों जैसा बना कर रखे…
ज़िन्दगी जीने की ये खूबसूरत वजह होती है !!