यूॅं मिलते भी रहे और सवाल करते भी रहे…
ज़िन्दगी में कई बार खुद को सवाल में घेरते भी रहे!
न जाने क्यों …पर हर बार खुद को यूॅंहि परेशान करते रहे…
रिश्ते कभी साथ रहे… या फिर दूर जाने के बहाने ढूँढ़ते रहे…
फिर भी न जाने क्यों हम इंतज़ार करते रहे!!
कभी आँखे बहुत कुछ छुपाती रही…
और ख़ामोशी की हर बात दिल मे चुभती रही!!
ख़ामोशी से बातें तो होती रही… समझते और समझाते भी रहे…
ख़ामोश होना आसान नहीं… तूफान को रोकना भी आसान नहीं!!
उम्मीद है!!
मौसम फिर बदलेंगे… फिर बारिश भी होगी…
फिर पतझड़ भी होंगे… और आँसू कुछ वक़्त बाद सूख भी जायेंगे!!
मुलाकात तो होती रहेगी… ज़िन्दगी सवाल करती रहेगी…
नए सपने फिर से बुनने लगेंगे… नए सवाल फिर से होगी!!
तजुर्बा कुछ ऐसा होगा… के सवाल के जवाब मिलने लगेंगे…
कुछ शिकायत जो दिल से थी… वो गुम होने लगेंगे…
सतरंगी सपने सवालो को धुॅंधले करते रहेंगे…
और बस मंज़िल पास आने लगेगी!!
मुसाफ़िर की तरह ज़िन्दगी कोई और ठिकाना ढूंढ़ने लगेगी।।
सफर के हमसफ़र बदलते रहेंगे…
कुछ लोग जुड़ेगे और कुछ बिछड़ जायेंगे…
पर आँखे फिर भी नम होगी… तेरा इंतज़ार करेगी!!
तेरा मेरा साथ होगा या नही ये तो नहीं जानते…
पर तेरे साथ हम ज़रूर होंगे!!
वक़्त को बदल तो नहीं सकते…
पर हर वक़्त में तेरे साथ हम होंगे!!
सवाल के जवाब मिलेंगे या नहीं… क्या पता?
शायद… कुछ सवाल के जवाब नहीं होते!!
तुमको इंतज़ार हो के नहीं…
हमें तुम्हारा इंतज़ार हमेशा रहेगा !!