
Khud Se Baatein !!
जैसे सासें आती जाती है….वैसे तुम भी ख़यालों में आते जाते रहते हो।। जैसे खूशबू हर बार अपनी ओर खींचती है….वैसे मुस्कराहट तुम्हारी तरफ खींचती है।। जैसे बादल हर बार कुछ नया सा दिखता है….वैसे तुम्हारा प्यार हर बार कुछ नया होता है।। जैसे प्यार भी है और प्यार ना करने की जिद….वैसे ही यादों को दिल में रखने की जिद…


Kyuki Tum Ho Maa !!
एक एहसासएक उम्मीदएक अपनापनएक ताकतएक हिम्मतएक संयमएक मुस्कराहटएक खिलखिलाहटएक सुकूनतुम सब कुछ ।। तुम प्रकृति।।तुम माँ हो ।। तुम्हारे कारण हम हैतुमसे हर सुख और दुख जुड़ा है ।। तुम्हारे बिना हम क्या करते ?तुम्हारे बिना सब कुछ अधूरा होता….तुमने हर बार हमारा साथ दिया….हर बार साथ देने का वादा किया…कहीं अगर कुछ गलत भी…

…Phir se !!
यादों को पीछे छोड़ …फिर से यादो को बनाना…. आसान नही।। आसान नही कुछ भी भूल पाना …पर हम भूल के आगे बढ़ते है !! जानते है आसान नही …पर फिर भी भूलने की कोशिश…हर बार करते है । ज़िन्दगी तेरा सच यही है…जानते है… तू आसान नही !! जब तक है बस यही है…

Shart Nahi Hai !!
जो करो मंज़ूर है….जो भी कहो मंज़ूर है…दिल दिया था तो शर्त नहीं थी …आज भी कोई शर्त नहीं है !!पाने की ज़िद कभी थी नहीं…तो खोने का गम कैसा ?तुम्हे अपना कहते रहे…और इस दिल से कुछ कहा नही !!खोना क्या और पाना क्या….तेरे साथ हम बस ऐसे ही रहते है…तुम खुश रहो …ऐसा बस…

Bandhan – Apni Jaan hai !!
वो प्यार…वो शरारते…वो बचपन…वो लड़कपन…बस यादें ही तो है !!एक भरोसा …साथ है हम …एक ऐसा प्यार …हर बार साथ देंगे हम !!कभी चुपके से छुप जाना…और ढूंढे जाने का इंतज़ार करना …कभी बस रोकर बात मना लेना…बचपन कितना खूबसूरत था !!कुछ ऐसा ही है बहन और भाई का प्यार …!!ये रिश्तों को मजबूत करता रहा…

…Yuhi Reh lete hai !!
वो ज़िक्र ही क्या जिसमे तुम न हो…वो फ़िक्र क्या जिसमे तुम्हारी फिक्र न हो ।।वो प्यार क्या जिसमे तुम न हो …वो बात क्या जिसमे तुम्हारी बात न हो।।ये पूछे के …ऐसा क्या है जिसमे तुम नहीं हो…और ये शर्त हम मान ले के तुम नहीं हो।।खामोश रहते है मगर आवाज़ दिल की हमेशा तुमसे…

Waqt !!
बड़ा शोर करता है ये रात आजकल…दिन में आजकल वक़्त थोड़ा मिलता है !! न जाने कौन – कौन सी यादों में सिमटा रहता है…पर जब भी मिलता है -किसी न किसी वक़्त से मिला देता है।। शोर में खुद को आज़ाद रखना आसान होता है…ख़ामोशी में खुद को समेटना मुश्किल !! ख़ामोशी तो सच…

Shikayat !!
शिकायत!! खुद से …खुदा से…वक़्त से…हालात से…अपनी बेचैनी से …अपनी उम्मीद से…न जाने कब किससे…क्यों ये शिकायत ??बस ये शिकायत है !! क्यों ये कहते हुए ख़ामोशी से शिकायत…क्यों ये रहते हुए ज़िन्दगी से शिकायत…क्यों ये बहते हुए आँसू से शिकायत…क्यों ये जाते हुए प्यार से शिकायत…क्यों ये आते हुए गुस्से से शिकायत…क्यों ये छोटी…

Rango se Mulakat !!
यू तो रंगों से हर रोज़ मिलते है… ये रंग बढ़े ख़ास है -ये बागों के फूल है… और कभी पतझड़ के सुखें पते है…ये बारिश का पानी है… और कभी उदासी के आँसू है…ये ख़ुशी से खिलखिलाती हंसी है… तो कभी बस कुछ यादें है…ये अपनों की तरह अभिमान का रंग है …तो कभी…
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